नवरात्रि की पूजा में ज्वार या जौ बोने का खास महत्व होता है। पूजा के पहले दिन कलश स्थापना के साथ ही मिट्टी के ऊपर जौ के बीज डाल दिए जाते हैं। जो पूरे 9 दिनों में अच्छी तरह से फलते-फूलते हैं। मान्यता है कि ये जौ जितना ज्यादा उगे होते हैं और हरे-भरे होते हैं। घर में उतनी ज्यादा सुख-समृद्धि आती है। हिन्दू धर्म के अनुसार सृष्टि की रचना के बाद पहली फसल जौ की थी। इसलिए पूजा-पाठ के लिए जौ का इस्तेमाल किया जाता है और नवरात्रि में भी जौ बोने की मान्यता है। लेकिन काफी सारे घरों में पूजा के बाद उगे हुए जवारे यानी जौ को यूं हीं प्रवाहित कर दिया जाता है या मिट्टी में दबा दिया जाता है। लेकिन इन जवारों का सही इस्तेमाल जान लें। जिससे पूरे साल देवी मां का आशीर्वाद आप पर बना रहे।
पूजा में उगे इन जवारो को पूरा फेंक देने की गलती ना करें। इसका कई हिस्सा घर में रखें और अलग तरीकों से पॉजिटिविटी पाने के लिए इस्तेमाल करें।
पूजा में उगे हुए ज्वारे को अगर घर में रखा है तो उसे बीमार इंसान के बिस्तर के पास रखें। उसे पॉजिटिव एनर्जी मिलेगी और आस्था में बड़ी ताकत है। जो अक्सर इंसान को मानसिक रूप से ताकत देते हैं।
जौ की जड़ों को पीले कपड़े में लपेटकर घर के मंदिर में रख दें। या फिर, घर की पूरब दिशा में रखें। इससे घर में निगेटिव एनर्जी नहीं आती है।
घर में बोई हुई जौ के थोड़े से हिस्से को निकालकर लाल कपड़े में बांधकर घर की तिजोरी में रख देना चाहिए। ऐसा करने से घर में पैसे की कमी नहीं होती है और ज्वार की तरह ही हमेशा आवक बनी रहती है। साथ ही धन लाभ के योग भी बनते हैं।
नवरात्रि पूजा में उगे हुए ज्वार को नवमी के हवन में थोड़ा सा डाल देने से घर की निगेटिविटी से मुक्ति मिलती है।
अगर आपको घर में ज्यादा ज्वार उग गई है तो उसे किसी साफ सुथरे पेड़ के नीचे मिट्टी में दबा दें। जहां पर आसानी से किसी का पैर ना पड़े।
अगर आपको समझ नहीं आ रहा कि इन ज्वार का क्या करें तो इन्हें किसी भी पवित्र नदीं जो आसपास हो उसमे प्रवाहित कर दें।