बिहार में ऐसे भी नेता हैं जो इस बार दसवीं बार विधानसभा की दहलीज पार कर सकते हैं। यही नहीं वे 10 बार बिहार विधानसभा चुनाव जीतने का रिकॉर्ड भी बना सकते हैं। जदयू के हरिनारायण सिंह ही नौ बार विधानसभा का चुनाव जीत चुके हैं। ये सक्रिय राजनीति में भी हैं और हरनौत से मौजूदा विधायक हैं। वे 1977 में पहली बार विधायक बने और उसके बाद से 9 बार चुनाव जीत चुके हैं।
इस बार यदि पार्टी उन्हें फिर से टिकट देती है और वह चुनाव जीतते हैं तो सर्वाधिक बार विधानसभा पहुंचने वाले विधायक बन जाएंगे। अब तक 10 बार बिहार विधानसभा का चुनाव कोई नहीं जीत सका है। नौ बार विधानसभा का चुनाव जीतने का रिकॉर्ड तीन लोगों के नाम हैं। इनमें हरिनारायण सिंह, सदानंद सिंह और रमई राम शामिल हैं। सदानंद सिंह और रमई राम दिवंगत हो चुके हैं।
केवल हरिनारायण सिंह राजनीति में सक्रिय हैं। हालांकि उम्र व स्वास्थ्य के कारण उनके फिर से चुनाव लड़ने पर संशय है। लेकिन उनके करीबी बताते हैं कि वह चुनाव लड़ सकते हैं। उन्होंने 1977, 1983, 1990, 2000, 2005 फरवरी, 2005 अक्टूबर, 2010, 2015 और 2020 में चुनाव जीता है।इसी तरह सदानंद सिंह पहली बार 1969 में कहलगांव से विधानसभा का चुनाव जीते।
इसके बाद उन्होंने 1972, 1977, 1980, 1985, 2000, 2005 फरवरी, 2010, 2015 में विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की। इसी तरह रमई राम ने पहली बार बोचहां से 1972 में चुनाव जीता और फिर 1980, 1985, 1990, 1995, 2000, 2005 फरवरी, 2005 अक्टूबर, 2010 में विधानसभा का चुनाव जीते।
हालांकि रिकॉर्ड नौ बार जीतने वाले लोगों के क्लब में शामिल होने की दहलीज पर ऊर्जा और योजना एवं विकास मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव के अलावा सहकारिता मंत्री प्रेम कुमार भी खड़े हैं। ये दोनों इस बार नौंवी बार विधानसभा का चुनाव जीत सकते हैं। दोनों आठ बार विधानसभा पहुंच चुके हैं। बिजेन्द्र प्रसाद सुपौल से तो प्रेम कुमार वर्ष 1990 से गया से लगातार जीत रहे हैं। दोनों ही 1990, 1995, 2000, 2005 फरवरी, 2005 अक्टूबर, 2010, 2015 और 2020 में जीत दर्ज की है।
केन्द्रीय मंत्री जीतन राम मांझी भी आठ बार विधानसभा चुनाव जीते हैं। वह 1980, 1985, 1996, 2000, 2005 अक्टूबर, 2010, 2015 और 2020 में चुनाव जीते। पिछली बार 2024 में लोकसभा का चुनाव जीतकर केन्द्र में मंत्री हैं। सुरेंद्र प्रसाद यादव भी 2020 में आठवीं बार विधानसभा चुनाव जीते थे। हालांकि 2004 में उन्होंने जहानाबाद से लोकसभा चुनाव जीता। फिलहाल सांसद हैं, लिहाजा विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगे।
इन दोनों के अलावा भाजपा के नंद किशोर यादव, राजद के अब्दुल बारी सिद्दिकी और जदयू के श्रवण कुमार सात-सात बार विधानसभा जा चुके हैं। ये सक्रिय राजनीति में हैं और इस बार चुनाव लड़े तो आठवीं बार विधानसभा पहुंच सकते हैं। नंदकिशोर यादव पटना सिटी से 1995 में पहली बार चुनाव जीते। इसके बाद से वे लगातार 2000, 2005 फरवरी, 2005 अक्टूबर, 2010, 2015, 2020 में चुनाव जीते। इसी तरह सिद्दिकी ने पहली बार 1977 में विधानसभा का चुनाव जीता। इसके बाद वे 2000, 2005 फरवरी, 2005 अक्टूबर, 2010, 2015 में जीते। श्रवण कुमार ने पहली बार 1995 में चुनावी वैतरणी पार की। इसके बाद से लगातार जीत रहे हैं।
संसदीय व जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी पहली बार 1982 में चुनाव जीते। इसके बाद वह 1985, 1990, 2010, 2015 और 2020 में चुनाव जीते। कांग्रेस के विजय शंकर दूबे भी छह बार 1980, 1985, 1990, 2000, 2015 और 2020 में चुनाव जीते हैं। जबकि, कांग्रेस के अवधेश कुमार सिंह भी छह बार विधायक बने।