राजस्थान के एक छोटे से गाँव में स्थित एक मंदिर इन दिनों देशभर के युवाओं के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। यह कोई भव्य या ऐतिहासिक मंदिर नहीं लेकिन इसकी मान्यता बेहद खास है। यहाँ आने वाले श्रद्धालु कोई सामान्य मन्नत नहीं मांगते, वे यहाँ सरकारी नौकरी की कामना लेकर आते हैं। कहते हैं कि जो भी सच्चे दिल से इस मंदिर में प्रार्थना करता है, उसे सफलता जरूर मिलती है। यही वजह है कि अब यह मंदिर हजारों सरकारी नौकरी के सपने देखने वालों के लिए सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि उम्मीद और आस्था का प्रतीक बन चुका है। चलिए जानते हैं इस मंदिर से जुड़ी कुछ खास बातें।
सरकारी नौकरी की चाहत
भारत में सरकारी नौकरी को बहुत ऊँचा दर्जा दिया जाता है। लोग मानते हैं कि चाहे पद छोटा हो या बड़ा, अगर नौकरी सरकारी है तो सम्मान अपने आप मिल जाता है। हालांकि आज के समय में सरकारी नौकरी पाना आसान नहीं है। UPSC, SSC, बैंक, रेलवे, टीचिंग जैसे हर क्षेत्र में हर साल लाखों उम्मीदवार हिस्सा लेते हैं, लेकिन सीट कम होने और कंपटीशन ज्यादा होने की वजह से कुछ ही उम्मीदवारों को सफलता मिलती है। दिन-रात मेहनत के बाद भी जब कुछ उम्मीदवारों को सफलता नहीं मिल पाती है, तब उनकी उम्मीद बन रहा है आस्था से जुड़ा एक खास मंदिर।
अंतेला: सरकारी नौकरी देने वाला मंदिर
राजस्थान के एक छोटे से गाँव अंतेला में एक मंदिर है, जिसे ‘अंतेला कुंडा धाम’ के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर से जुड़ी मान्यता है कि जो भी व्यक्ति सरकारी नौकरी पाने की सच्ची भावना से यहाँ आता है, उसे सफलता जरूर मिलती है। कई लोगों का कहना है कि सच्ची आस्था के साथ यहाँ आने वाले कई युवाओं की सरकारी नौकरी लग चुकी है।
गाँव वालों की सफलता की कहानी
कहते हैं कि इस मंदिर की खास बात है कि जिस गांव में यह मंदिर है, यहाँ के हर दूसरे घर में कोई ना कोई सरकारी नौकरी में है। कोई टीचर है, कोई क्लर्क, तो कोई बड़ा अफसर। गाँव वाले इस मंदिर को अपनी पहचान और गर्व का केंद्र मानते हैं। यह मंदिर उनके लिए सिर्फ आस्था की जगह नहीं बल्कि रोजगार की उम्मीद बन चुका है।
आस्था या अंधविश्वास?
कुछ लोगों के लिए यह मंदिर चमत्कार है, तो वहीं कुछ के लिए सिर्फ एक किस्सा। जिसको नौकरी मिल गई, उसके लिए यह मंदिर भगवान का रूप है और जो असफल रहा, उसके लिए यह एक धोखा। हालांकि सच्चाई तो यही है कि मेहनत, धैर्य और आत्मविश्वास के बिना कोई सपना पूरा नहीं होता।