नेपाल के पहाड़ सहित समूचे क्षेत्र में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश का असर सीमावर्ती भारतीय इलाकों में भी दिखने लगा है। रविवार को रातो नदी के उफान से सीतामढ़ी जिले में सुरसंड प्रखंड के पूर्वी क्षेत्र के दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में आ गए। भिठ्ठामोड़ में एनएच-227 पर लगभग चार फीट पानी का तेज बहाव होने से आवागमन पूरी तरह ठप हो गया है। वहीं आईसीपी निर्माण के लिए चिन्हित भूमि पर भी चार फीट तक पानी चढ़ गया है।
भिठ्ठामोड़ चौक स्थित बाजार भी पानी में डूब गया है। श्रीखंडी भिट्ठा गांव के वार्ड संख्या पाँच में स्थिति अत्यंत गंभीर बताई जा रही है। गांव में जाने वाली एकमात्र पीसीसी सड़क पर चार फुट पानी का तेज बहाव होने से लोगों की आवाजाही बंद हो गई है। महादलित परिवारों सहित अधिकांश घर बाढ़ के पानी से घिरे हुए हैं। इसी तरह दिवारी मतौना पंचायत के सिमियाही, श्रीखंडी भिट्ठा पश्चिमी पंचायत और डाढ़ाबारी पंचायत के कई वार्डों में भी बाढ़ का पानी घुस गया है।
ग्रामीण सड़कें और पीसीसी मार्ग जलमग्न हो गए हैं। बाढ़ की सूचना पर सीओ सतीश कुमार सहित प्रशासनिक अधिकारियों ने प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया है और हालात पर नजर रखी जा रही है। स्थानीय लोगों में बढ़ते जलस्तर को लेकर भय का माहौल बना हुआ है।
योगापट्टी प्रखंड क्षेत्र में बारिश और आंधी कहर बरपाई है। प्रखण्ड में शुक्रवार की देर शाम में तेज हवा के साथ पानी बरसा जिससे व्यापक तबाही हुई। आंधी से हज़ारों की संख्या में पेड़ उखड़ गए और खेतों में खड़ी धान और गन्ना का फसल बर्बाद हो गई। मूसलाधार बारिश से जन जीवन अस्त- व्यस्त हो गया। शनिवार के पूरे दिन बारिश से सडक़ें जलमग्न हो गईं। इधर आंधी ने किसानों की कमर तोड़ दी,खेतों में खड़ी धान और गन्ना व केला की फसल बर्बाद हो गई। भीषण आंधी से धान और गन्ना व केला के न केवल हजारों पौधे खराब हुए बल्कि हजारों की संख्या में बड़े पेड़ भी उखड़ गए।
प्रखण्ड के आसपास के गांवों में आंधी के साथ तेज बारिश होने से हज़ारों पेड़ जमींदोज हो गई। वही किसान धान और गन्ना खेत पर पहुंचे तो हर तरफ बर्बाद फसलें नजर आई।किसान खेतों में पहुंचे तो तबाही देखकर आंखों से आंसू बह निकले। हजारों पौधे जमीन पर आड़े पड़े थे। आंधी-तूफान से सिर्फ फसलों को ही नुकसान नहीं हुआ। कई झोपड़ी मकान भी क्षतिग्रस्त हो गए।बिजली के खंभे गिरने और लाइन फाल्ट होने के कारण पूरा प्रखण्ड बिजली बंद रही।
कई घरों में पानी भी घुस गए थे।लोग किसी तरह अपने घरों से बाल्टी व मग़ से पानी निकालते दिखे। प्रखण्ड के कई सड़के जलमग्न हो गया है जिसे आवागमन प्रभावित हो रहा है। प्रखंड में हर तरफ तबाही ही तबाही नजर आ रही थी। किसान संदीप कुमार, फिरोज आलम,विनोद गुप्ता, सुनील ठाकुर ने बताया कि हमने जिंदगी में इस तरह पानी बरसते कभी नहीं देखा।हजारों की संख्या में पुराने पेड़ नए पेड़ आंधी से जमीन दोष हो गए हैं। कितना घरों में तो लोग बारिश के कारण खाना भी नहीं बना कर खा पाए हैं। प्राकृतिक के इस आपदा से हर तरफ बर्बादी ही बर्बादी नजर आ रही है।
सुगौली प्रखंड के भटहा पंचायत के टिकुलिया-हरसिद्धि मुख्य मार्ग में धनौती नदी पर बना पुलिया बीती रात पानी के दबाव से बह गया। जिससे टिकुलिया-हरसिद्धि मुख्य मार्ग पर आवागमन ठप हो गया है।करीब पंद्रह साल पूर्व पुलिया बना था। पुलिया बहने से आवागमन बाधित हो गया है। जिससे ग्रामीणों की परेशानी बढ़ गई है।
इधर,सिकरहना नदी के भवानीपुर में कटाव से विस्थापितों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। वर्ष 2020 में आई बाढ़ से विस्थापित हुए थे करीब एक सौ परिवार।नदी किनारे बनी रिंग बांध पर विस्थापितों ने शरण लिया है। इनके पुनर्वास की आज तक व्यवस्था नहीं हो सकी हैअब नदी के कटाव से फिर से उजड़ने का खतरा बढ़ गया है।