अगले साल यानी 2026 में बिहार प्रशासनिक सेवा (बिप्रसे) से प्रोन्नत होने के बाद राज्य को 14 नए भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी मिलेंगे। ऐसे में नए अधिकारियों को प्रशासनिक सेवा में आने से विकास कार्य की गति को रफ्तार मिलेगी और तेजी से निर्णय लिए जाएंगे। इस साल भी बिप्रसे से राज्य में 19 आईएएस अधिकारी बनाए गए हैं। इसके बावजूद राज्य में आईएएस अधिकारियों की लंबे समय से कमी बनी हुई है।
हर साल करीब 40 से 50 आईएएस के पद रिक्त रह जाते हैं। इससे सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं को जमीन पर उतारने पर असर पड़ रहा है। गौर तलब है कि राज्य में वर्तमान में बिहार कैडर के 51 आईएएस अधिकारियों की कमी है।
सामान्य प्रशासन विभाग के अनुसार, राज्य में आईएएस अधिकारियों के कुल 359 पद स्वीकृत हैं, जबकि वर्तमान में 308 आईएएस अधिकारी पदस्थापित हैं। राज्य सरकार की मांग के बावजूद केंद्र सरकार की ओर से राज्य में इन अधिकारियों की कमी को दूर नहीं किया जा सका है।
कई वरीय अधिकारियों के पास दोहरी- तिहरी जिम्मेदारी है। कई महत्वपूर्ण पदों पर वरीय आईएएस अधिकारियों को दो या उससे अधिक विभागों एवं कार्यों की जिम्मेदारी संभालनी पड़ रही है। कुंदन कुमार के पास उद्योग विभाग के सचिव साथ नई दिल्ली स्थित बिहार भवन में स्थानिक आयुक्त, मुंबई में निवेश आयुक्त, बिहार फाउंडेशन के सीईओ, बियाडा के प्रबंध निदेशक, आइडा के प्रबंध निदेशक का अतिरिक्त प्रभार है।
संजय कुमार सिंह के पास वाणिज्यकर आयुक्त सह सचिव के साथ गृह विभाग में ओएसडी, लोकेश कुमार सिंह स्वास्थ्य सचिव के साथ पर्यटन सचिव की भी जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव बी. राजेंदर के पास शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव की भी जिम्मेदारी है।
इसी प्रकार, कौशल किशोर के पास दरभंगा के प्रमंडलीय आयुक्त के साथ ही तिरहुत के प्रमंडलीय आयुक्त का भी अतिरिक्त प्रभार है। अभय कुमार सिंह नगर विकास के साथ आईटी विभाग की भी जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। पंकज कुमार के पास कृषि के साथ खाद्य आपूर्ति विभाग की जिम्मेदारी है।