क्या ज्यादा पूजा- पाठ करना भी दुखों का कारण बनता है? प्रेमानंद महाराज का जवाब आपको चौंका देगा

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Shri Hit Premanand Govind Sharan Ji Maharaj: वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद जी महाराज के प्रवचन और सत्संग से जुड़े वीडियो अक्सर सोशल मीडिया पर वायरल होते रहते हैं। उनकी बातें सरल और साफ भाषा में होती हैं, आपको बता दें कि संत श्री ह‍ित प्रेमानंद गोविंद शरण महाराज एक महान कथा वाचक हैं और वह वृंदावन के केलीकुंज स्थान पर रहते हैं। साथ ही वह राधा रानी से अनन्य भक्त हैं। वहीं प्रेमानंद महाराज जी की शिक्षाएं आज समाज में जागरुकता फैला रही हैं। उनका आध्यात्मिक ज्ञान कलयुग में प्रकाश के समान हैं।

महाराज प्रेमानंद जी के दर्शन करने के लिए उनके भक्त देश-विदेश से वृंदावन आते है, और उनका बहुत सम्मान भी करते हैं। वहीं महाराज जी भक्तों को श्री जी का प्रसाद देते हैं। आपको बता दें कि लोग बताते हैं कि महाराज जी की दोनों किडनी खराब हैं। वहीं महाराज जी रोज सुबह भ्रमण के लिए निकलते हैं, जहां लोग उनके दर्शन करते हैं।

वहीं महाराज जी एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक भक्त उनसे पूछ रहा है कि क्या ज्यादा पूजा- पाठ करना दुखों का कारण बनता है क्या, जिस पर प्रेमानंद महाराज जी कह है कि आप लोग हमारे पास क्योंं आए हो तो एक व्यक्ति उत्तर दे रहा है कि क्योंकि आपके पास भक्ति है और पूजा है। इसलिए हानिकारक कैसे हो सकती है। वहीं आगे महाराज जी ने कहा कि हानिकारक पाप कर्म होते हैं। वहीं कुछ लोगों के दिमाग में बैठ जाता है कि ज्यादा पूजा- पाठ करना दुखों का कारण बनता है। मतलब जो ज्यादा धर्म से चलते हैं या ज्यादा पूजा पाठ करते हैं, उनको दुखों का सामना करना पड़ता है। भक्ति से कभी किसी को दुख नहीं मिल सकता है। लेकिन भक्तों को दुखी देखा गया है और जो कष्ट भक्तों के जीवन में आए हैं, वो उसमें भी सुखी रहे हैं।प्रेमानंद महाराज जी ने आगे कहा कि हमारा आखिरी जन्म है और आगे हमें जन्म नहीं लेना है। तो हमारे पिछले सारे जन्मोंं के कर्म किए हैं तो वो हमको हर पल भोगना है। जैसे- हमारी दोनों किडनी फैल हैं तो यह हमारे पिछले जन्मों के पाप कर्म फल है और वहीं यह हमारे भजन का फल है कि इतने लोगों का प्याप हमको मिल रहा है। महाराज जी के कहा कि भक्ति से कभी दुख नहीं भोगने पड़ते हैं।
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