देवप्रयाग में भारी बार‍िश की वजह से ऋषिकेश-बदरीनाथ नेशनल हाईवे पर आया बोल्डर-मलबा, 12 घंटे बाधित रहा रास्‍ता

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भारी वर्षा के चलते रविवार मध्यरात्रि बाद देवप्रयाग के निकट बदरीनाथ हाईवे तीन स्थानों पर अवरुद्ध हो गया। इस दौरान हाईवे के दोनों ओर वाहनों की कतार लग गई। इसके बाद राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग ने मोर्चा संभालते हुए मलबा हटाया और करीब 12 घंटे बाद राजमार्ग पर यातायात सुचारू कराया। मार्ग बंद होने के दौरान लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। इस दौरान काफी संख्या में वाहन देवप्रयाग से पौड़ी होते हुए श्रीनगर तक पहुंचे।

सोमवार को भारी वर्षा के कारण बदरीनाथ हाईवे देवप्रयाग में डिग्री कालेज से मुल्या गांव तक तीन जगहों पर अवरुद्ध हो गया। इससे सोमवार सुबह ऋषिकेश व श्रीनगर से निकले वाहन यहीं फंस कर रह गए। वहीं गैरसैण विधानसभा सत्र में जाने वाले अधिकारी, कर्मचारी, पत्रकार सहित कई लोग मार्ग पर घंटों तक यहां फंसे रहे। थाना प्रभारी लखपत बुटोला ने बताया एनएच की ओर से तीनों स्थानों पर जेसीबी व कटर मशीन लगाकर बोल्डर हटाने का काम शुरू किया गया। किसी तरह दोपहर तक वन-वे यातायात शुरू किया जा सका। राजमार्ग अवरुद्ध होने से वाहनों की लंबी कतार लगने की साथ ही अखबार, दूध, सब्जी, दवा आदि की आपूर्ति भी प्रभावित रही। उधर, ऋषिकेश-गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी भूस्खलन के कारण कई जगहों पर मार्ग खुलने और बंद होने का सिलसिला दिनभर जारी रहा। जिसके कारण लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा।

सोमवार को भारी वर्षा के कारण बदरीनाथ हाईवे देवप्रयाग में डिग्री कालेज से मुल्या गांव तक तीन जगहों पर अवरुद्ध हो गया। इससे सोमवार सुबह ऋषिकेश व श्रीनगर से निकले वाहन यहीं फंस कर रह गए। वहीं गैरसैण विधानसभा सत्र में जाने वाले अधिकारी, कर्मचारी, पत्रकार सहित कई लोग मार्ग पर घंटों तक यहां फंसे रहे। थाना प्रभारी लखपत बुटोला ने बताया एनएच की ओर से तीनों स्थानों पर जेसीबी व कटर मशीन लगाकर बोल्डर हटाने का काम शुरू किया गया। किसी तरह दोपहर तक वन-वे यातायात शुरू किया जा सका। राजमार्ग अवरुद्ध होने से वाहनों की लंबी कतार लगने की साथ ही अखबार, दूध, सब्जी, दवा आदि की आपूर्ति भी प्रभावित रही। उधर, ऋषिकेश-गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी भूस्खलन के कारण कई जगहों पर मार्ग खुलने और बंद होने का सिलसिला दिनभर जारी रहा। जिसके कारण लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा।

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