‘चौथी बीवी को 30 हजार रुपये दें गुजारा भत्ता’, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सपा सांसद मोहिबुल्ला नदवी को दिया आदेश

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इलाहाबाद हाई कोर्ट ने रामपुर के सांसद मोहबुल्ला नदवी के पारिवारिक विवाद मामले को लेकर सख्त आदेश दिया है। हाई कोर्ट ने कहा कि चौथी पत्नी रुमाना नदवी को अंतरिम व्यवस्था के तौर पर हर महीने 30 हजार रुपये का गुजारा भत्ता दिया जाए।

हाई कोर्ट ने यह आदेश आपराधिक पुनरीक्षण याचिका पर दिया है। सांसद मोहबुल्ला नदवी ने आगरा के फैमिली कोर्ट के आदेश को रद्द करने की मांग करते हुए याचिका दाखिल की थी।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हाई कोर्ट के जस्टिस जेजे मुनीर की पीठ ने केस की सुनवाई के दौरान कहा कि पारिवारिक विवाद का संभावित समाधान निकाला जाए। कोर्ट ने इस पारिवारिक विवाद को हल करने के लिए मध्यस्थ को नियुक्त किया है। कोर्ट ने मध्यस्थ को तीन महीने का वक्त दिया है। ताकि वह मध्यस्थता के फैसले से संबंधित अपनी रिपोर्ट कोर्ट में पेश कर सकें। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह भी कहा कि इस मामले को बेंच के साथ लंबित या आंशिक रूप से सुना हुआ नहीं माना जाएगा।

सपा सांसद के खिलाफ 2020 में उनकी चौथी पत्नी रुमाना परवीन ने केस दर्ज कराया था। बाद में कोर्ट के आदेश पर CRPC की धारा 127 में मामला दर्ज किया गया था।

इसी केस में 1 अप्रैल, 2004 को आगरा की फैमिली कोर्ट के अपर प्रधान न्यायाधीश ने एक आदेश दिया था, जिसे कैंसिल कराने के लिए रामपुर से समाजवादी पार्टी के सांसद मोहिबुल्लाह नदवी ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस पर सांसद के वकील ने कोर्ट से इस केस में मध्यस्थता केंद्र को भेजने का अनुरोध किया था।

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