बिहार में विपक्षी दलों के महागठबंधन से छिटकते दिख रहे विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के नेता मुकेश सहनी को लेकर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव ने प्लान बी पर काम शुरू कर दिया है। तेजस्वी ने पटना में शनिवार को अपने आवास पर कांग्रेस छोड़कर खुद की पार्टी बना चुके पान नेता आईपी गुप्ता से मुलाकात की। आईपी गुप्ता ने अप्रैल महीने में पटना के गांधी मैदान में बड़ी रैली करके सबका ध्यान खींचा था। रैली में भारी भीड़ आई थी और उनको लाने वाली गाड़ियों के कारण पटना से बाहर आने-जाने के रास्तों पर भारी जाम लगा था। आईपी गुप्ता ने वोटर अधिकार यात्रा के दौरान राहुल गांधी से भी मुलाकात की थी।
आईपी गुप्ता ने सोशल मीडिया पर मुलाकात की फोटो शेयर करते हुए महगठबंधन में शामिल होने पर कुछ भी खुलकर नहीं लिखा है लेकिन शेरो-शायरी से संकेत दिया है कि वो गठबंधन में अपने लिए जगह और सीट खोज रहे हैं। गुप्ता ने लिखा है- “पहली मुलाकात है, मिला मजबूत साथ है। शाम भी खास है, वक्त भी खास है। मुझको एहसास है, तुझको एहसास है। इससे ज्यादा हमें और क्या चाहिए। मैं तेरे पास हूं, तू मेरे पास है।” आईपी गुप्ता अखिल भारतीय पान महासंघ के अध्यक्ष हैं और गांधी मैदान रैली का न्योता बांटने के लिए बिहार में हेलिकॉप्टर से घूम गए थे।
आईपी गुप्ता पान समाज की राजनीति करते हैं और खुलकर कहते हैं कि समाज ने साथ दिया तो लालू यादव, नीतीश कुमार, उपेंद्र कुशवाहा, चिराग पासवान और जीतनराम मांझी नेता बन गए। गुप्ता तांती-ततमा समाज को जगाने का दावा करते हैं और कहते हैं कि कई सीटों पर पान समाज के लोग निर्णायक साबित हो सकते हैं। बिहार सरकार ने 2015 में तांती-ततवा जाति को अति पिछड़ा से हटाकर दलित में जोड़ दिया था। इस आदेश को चुनौती दी गई तो सुप्रीम कोर्ट ने 2024 में फैसले को रद्द कर दिया। तांती-ततवा फिर से ईबीसी में शामिल हो गए। गुप्ता फिर से उन्हें अनुसूचित जाति में शामिल करवाने की राजनीतिक लड़ाई लड़ रहे हैं।
मिथिला और कोसी इलाके में उनका असर ज्यादा है। गुप्ता जिस बिरादरी की राजनीति कर रहे हैं, उनकी संख्या बिहार जातीय सर्वेक्षण में लगभग 2 फीसदी आई थी। 500 और 1000 वोट के अंतर से जब हार-जीत हो रही हो तो इतने लोग भी बहुत महत्वपूर्ण साबित होते हैं।