तिथि और समय
इस साल अष्टमी तिथि 15 अगस्त 2025 की रात 11 बजकर 48 मिनट से शुरू हो गई है और 16 अगस्त 2025 की रात 9 बजकर 34 मिनट तक रहेगी. चूँकि उदयातिथि को ही मान्य माना जाता है, इसलिए जन्माष्टमी का पर्व 16 अगस्त, यानी आज मनाया जा रहा है. इस दिन भक्त बाल गोपाल की झांकी सजाते हैं और भगवान को भोग अर्पित करते हैं.
दिनभर के 9 शुभ मुहूर्त
जन्माष्टमी के दिन 16 अगस्त की सुबह से लेकर 17 अगस्त की सुबह तक कई शुभ चौघड़िया मुहूर्त बन रहे हैं. भक्त अपनी सुविधानुसार किसी भी अबूझ मुहूर्त में भगवान की पूजा कर सकते हैं.
शुभ (उत्तम) – सुबह 07:29 बजे से 09:08 बजे तक
चर (सामान्य) – दोपहर 12:25 बजे से 02:04 बजे तक
लाभ (उन्नति) – दोपहर 02:04 बजे से 03:42 बजे तक
अमृत (सर्वोत्तम) – दोपहर 03:42 बजे से 05:21 बजे तक
लाभ (उन्नति) – शाम 06:59 बजे से 08:21 बजे तक
शुभ (उत्तम) – रात 09:42 बजे से 11:04 बजे तक
अमृत (सर्वोत्तम) – रात 11:04 बजे से 12:25 बजे तक (17 अगस्त)
चर (सामान्य) – रात 12:25 बजे से 01:47 बजे तक (17 अगस्त)
लाभ (उन्नति) – सुबह 04:30 बजे से 05:51 बजे तक (17 अगस्त)
जन्माष्टमी पूजन का शुभ मुहूर्त
इस साल श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर पूजन का शुभ मुहूर्त 16 अगस्त की देर रात 12 बजकर 04 मिनट से लेकर 12 बजकर 45 मिनट तक रहेगा. भक्तों को इस दौरान लगभग 43 मिनट का समय मिलेगा, जिसमें भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने का विशेष फल प्राप्त होगा.
जन्माष्टमी पूजा सामग्री
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पूजन में अक्षत, रोली, हल्दी, पीले फूल, लाल चंदन, केसर, इत्र, दीपक, गाय का घी, दूध, दही, शहद, रुई की बाती, अगरबत्ती, धूप, गंगाजल, पंचामृत, तुलसी के पत्ते, शंख, छोटा कलश और मोरपंख का खास महत्व होता है. इन सभी सामग्रियों के बिना पूजन अधूरा माना जाता है. तुलसी पत्ते और मोरपंख श्रीकृष्ण को अत्यंत प्रिय हैं, वहीं पंचामृत से भगवान का अभिषेक करने पर विशेष पुण्य फल मिलता है.