वाराणसी में एक तरफ रोप-वे की सवारी जल्द शुरू होने वाली है। इसके लोकार्पण की तारीख करीब फाइनल हो चुकी है तो दूसरी तरफ मेट्रो ट्रेन चलाने है। केंद्र और प्रदेश सरकार ने वाराणसी में मेट्रो संचालन की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। शहर के विस्तार को देखते हुए इसे आवश्यक बताया गया है। जिला प्रशासन ने सर्वे के लिए राइट्स सहित अन्य कंपनियों से बातचीत शुरू कर दी है। सब कुछ ठीक रहा तो साल के अंत तक सर्वे शुरू करा दिया जाएगा।
वर्ष 2014 के बाद से शहर का विस्तार पिंडरा, चोलापुर और चौबेपुर तक हुआ है। इसके साथ शहर से सटे कई गांवों में कॉलोनियां, औद्योगिक और व्यावसायिक संस्थान भी खुलने लगे हैं। आगामी दिनों रिंग रोड और वाराणसी-प्रयागराज राजमार्ग पर स्पोर्ट्स स्टेडियम से लेकर कई अस्पताल और औद्योगिक इकाईयां भी खुलने वाली हैं। इसके साथ ही राजघाट पुल के समानांतर सिक्सलेन का पुल गंगा पर बन जाने के बाद पड़ाव और रामनगर सहित अन्य इलाके शहर से सीधे जुड़ जाएंगे। इन सभी इलाकों में सुगम ट्रैफिक और यात्रा की रफ़्तार बढ़ाने के लिए जिला प्रशासन ने मेट्रो संचालन की तैयारी शुरू कर दी है। जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने बताया कि लगातार बढ़ रही आबादी और विस्तार को देखते हुए यहां मेट्रो का संचालन आवश्यक हो गया है।
वर्तमान में रोप-वे परियोजना पर काम चल रहा है। रोपवे का संचालन शुरू होने के बाद अगले चरण में शहर के बाहरी इलाकों और मुख्य राजमार्गों को जोड़ते हुए शहर से मेट्रो का संचालन किया जाएगा। जिलाधिकारी के मुताबिक कैंट स्टेशन को ट्रैफिक का मल्टी मोडल टर्मिनल बनाया जाएगा। यहां से रोपवे अन्य रूटों पर संचालित होगी। कैंट स्टेशन पर मेट्रो, ट्रेन, रोपवे और शहर के अंदर एसी बसों को भी जोड़कर चलाया जाएगा। इन सभी का इंटीग्रेटेड कॉरिडोर भी यही बनेगा, ताकि लोगों को शहर के किसी भी हिस्से में जाने के लिए भटकना न पड़े।
डीएम ने बताया कि रोपवे का लोकार्पण नवंबर मे किया जाएगा। इसके लिए कार्यदाई एजेंसी को अंतिम डेट लाइन दे दी गई है। यह भी बताया कि बीच में कोई अन्य स्टेशन का उद्घाटन नहीं होगा। पूरी परियोजना एक साथ लोकार्पित होगी। इसे संचालित करने के अलग अलग व्यवस्थाओं पर काम शुरू हो गया है।