उत्तर प्रदेश में छह दिन बाद उत्तर पश्चिमी हवाएं फिर लौट आई हैं। इससे दिन-रात के तापमान में कमी आने लगी है। आने वाले दिनों में तापमान में और गिरावट दर्ज की जा सकती है। कोहरे का सिलसिला भी शुरू हो गया है। कई जिलों में घना कोहरा देखने को मिल रहा है। मौसम विभाग ने आज यानी सोमवार को जहां वेस्ट यूपी में मौसम शुष्क रहने की संभावना जताई है वहीं पूर्वी उत्तर प्रदेश में मौसम शुष्क रहने और सुबह के समय कहीं-कहीं छिछला से मध्यम कोहरा छाने की संभावना बताई है। मौसम विभाग ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के उत्तर पश्चिम भाग में कहीं-कहीं घना कोहरा (सतही क्षेतिज दृश्यता 50 से 200 मीटर के बीच) होने की संभावना जताई है।
पश्चिमी और पूर्वी उत्तर प्रदेश में 25 और 26 नवंबर के लिए भी मौसम शुष्क रहने और सुबह के समय कहीं-कहीं छिछला से मध्यम कोहरा छाने की संभावना जताई गई है। मौसम केंद्र लखनऊ के प्रमुख की ओर से जारी जानकारी में कहा गया है कि लखनऊ और आस-पास सुबह के समय कुहासा-कोहरा और बाद में आसमान में धुंध रहने की संभावना है। अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमश: 27 और 13 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहेगा।
वहीं कानपुर में रविवार को अधिकतम तापमान 26.9 डिग्री सेल्सियस हो गया जो सीजन (नवंबर) का सबसे कम पारा है। रात का पारा 01.4 डिग्री कम होकर 10.2 डिग्री पर पहुंच गया। मौसम विभाग के अनुसार अगले 48 घंटों तक उत्तर पश्चिमी हवाएं चलती रहेंगी। उत्तर पश्चिमी हवाएं 17 नवंबर को आखिरी बार चली थी। इसके बाद रविवार को पश्चिमी हवाएं फिर से चलने लगीं। इनकी गति कम होने के बावजूद अधिक सर्दी का अहसास कराने वाली रही। छह दिनों तक तापमान चढ़ता रहा और गर्मी का अहसास कराता रहा। हवा के बदलते ही अच्छी सर्दी की शुरुआत हो गई। रविवार को अधिकतम तापमान 27.4 से घटकर 26.9 डिग्री सेल्सियस हो गया जो शनिवार के मुकाबले 0.5 डिग्री कम है।
बढ़ती खतरनाक गैसों से कानपुर वालों का सांस लेना मुश्किल हो गया है। धूल-धुआं के कणों की संख्या तो बढ़ ही रही है कूड़ा आदि जलाने से अब कार्बन मोनोऑक्साइड की मात्रा भी बढ़ती जा रही है। सल्फर डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड के वातावरण में होने से लोग हांफ रहे हैं। यदि लगातार उत्तर पश्चिमी हवाएं चलीं तो प्रदूषण तेजी से बढ़ेगा।
शुक्रवार को एक्यूआई 194, शनिवार को 135 और रविवार को 161 हो गया। वहीं, नेहरू नगर सेंटर पर रविवार शाम छह बजे एक्यूआई 244 पहुंच गया। पूर्वी हवाओं के कारण पहले प्रदूषण बढ़ा लेकिन अब पश्चिमी के कारण एक या दो दिन बाद फिर तेजी से एक्यूआई बढ़ा है। वातावरण में नमी अभी भी अधिक बनी हुई है। इससे धूल-धुएं के कण नीचे आ जाते हैं।
सुबह धुंध और कोहरा बढ़ने से हवा की सेहत बिगड़ गई है। 18 नवंबर को एक्यूआई ग्रीन जोन (99) में था। इसके बाद 19 को 125, 20 को 189 और 21 को 194 रहा। फिर 22 नवंबर को 135 हो गया। अब रविवार (23 नवंबर) को 161 पर पहुंच गया। नेहरू नगर सेंटर पर पीएम 2.5 (धूल-धुआं के बारीक कण) पांच गुना से अधिक हो गए। रविवार को नेहरू नगर सेंटर पर धूल-धुएं के बारीक कणों की संख्या 346 माइक्रोन प्रति घनमीटर तक पहुंच गई। सामान्य स्थितियों में इनकी संख्या 60 माइक्रोन प्रति घनमीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए। पीएम 10 की अधिकतम संख्या 220 माइक्रोन प्रति घनमीटर रही। सामान्य स्थितियों में इसकी संख्या 100 माइक्रोन प्रति घनमीटर होना चाहिए। हवा की सेहत सुबह 08 बजे, रात 08 से 11 बजे तक खतरनाक रही। जहरीली गैसों की मात्रा भी हवा में बढ़ती जा रही है। दम घोंटू कार्बन मोनोऑक्साइड की अधिकतम मात्रा रविवार को 74 पीपीएम तक पहुंच गई। शनिवार को यह 72 पर थी।