अब हर गांव में पहुंचेगा आसमान से Internet! एलन मस्क के Starlink को भारत में मिला सैटेलाइट इंटरनेट का लाइसेंस

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Elon musk Starlink Satellite Service: अरबपति एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक को भारत में सैटेलाइट बेस्ड इंटरनेट सर्विस शुरू करने के लिए एकीकृत लाइसेंस मिल गया है और इसके साथ ही स्पेक्ट्रम आवंटन के लिए एक नीतिगत ढांचे को भी अंतिम रूप दे दिया गया है। दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने यह जानकारी दी।

देश में पहली मोबाइल काल के 30 वर्ष पूरे होने के अवसर पर यह घोषणा की गई। सिंधिया ने कहा, ‘स्टारलिंक को भारत में उपग्रह इंटरनेट सेवा शुरू करने के लिए एकीकृत लाइसेंस दिया गया है। स्पेक्ट्रम आवंटन और गेटवे निर्माण के लिए नीतिगत ढांचा तैयार कर लिया गया है ताकि सेवा शुरू करने में कोई बाधा न हो।’

गेटवे संरचना उपग्रह से डेटा को भारत में लाने और भारत के इंटरनेट ढांचे से जोड़ने के लिए जरूरी विश्व स्वर्ण परिषद ने कहा होगी। भारती समूह समर्थित यूटेलसैट वनवेब और जियो एसईएस को भी उपग्रह आधारित संचार सेवाएं शुरू करने के लिएस्पेक्ट्रम आवंटन
का इंतजार है। सिंधिया ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत की डिजिटल यात्रा एक हद तक असाधारण रही है।

दूरदराज के गांवों से लेकर महानगरों तक डिजिटल पहुंच ने नागरिकों को सशक्त बनाया है। और भारत को सस्ती एवं समावेशी प्रौद्योगिकी का वैश्विक अगुवा बना दिया है। उन्होंने बताया कि देश में अब 1.2 अरब टेलीफोन कनेक्शन हैं और इंटरनेट ग्राहक 286 फीसद बढ़कर 97 करोड़ तक पहुंच चुके हैं।

आपको बता दें कि हाल ही में एलन मस्क (Elon Musk) के मालिकाना हक वाली कंपनी ने Vandenbueg Space Force बेस से Falcon 9 रॉकेट पर 28 नए स्टारलिंक सैटेलाइट्स को सफलतापूर्वक भेजा था। सैटेलाइट का नया बैच जो स्टारलिंक के 10-26 मिशन का हिस्सा है, वह मौजूदा 8,000 से ज्यादा स्टारलिंक सैटेलाइट में शामिल हुआ जो पहले से ही पृथ्वी की निचली कक्षा (Earth’s low orbit) में रखे गए हैं। इन नए सैटेलाइट्स को भेजने का कारण स्टारलिंक के दो घंटे से ज्यादा के ग्लोबल आउटेज का सामना रहा। इस आउटेज के बारे में कहा गया था कि यह एक नेटवर्क सॉफ्टवेयर गड़बड़ी के कारण ठप हुआ था।

Starlink कैसे काम करता है और अलग क्यों है?

ट्रेडिशनल सैटेलाइट प्रोवाइडर्स को आमतौर पर स्पीड और लैटेंसी की समस्या झेलनी पड़ती है। लेकिन Starlink हजारों छोटे सैटेलाइट के एक ग्रुप का इस्तेमाल करता है जो लो लैटेंसी के साथ हाई-स्पीड इंटरनेट डिलीवर करने के लिए एक-दूसरे के साथ कम्युनिकेट (संचार) कर सकते हैं।

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