राहुल गांधी द्वारा लगाए गए आरोपों पर कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी की तरफ से प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने राहुल गांधी से मतदाता सूची से बाहर किए गए मतदाताओं और अयोग्य मतदाताओं के नाम हस्ताक्षरित घोषणापत्र के साथ साझा करने के लिए कहा है। कर्नाटक के चुनाव आयोग ने राहुल गांंधी से चुनाव अधिकारियों से मामले में “जरूरी कार्यवाही” शुरू करने के लिए हस्ताक्षरित शपथपत्र भी मांगा।
राहुल गांधी गांधी द्वारा मतदान में धोखाधड़ी का आरोप लगाने के तुरंत बाद उन्हें लिखे पत्र में कर्नाटक चुनाव आयोग के अधिकारी ने कहा, “आपने मतदाता सूची में अयोग्य मतदाताओं को शामिल करने और योग्य मतदाताओं को बाहर करने के बारे में उल्लेख किया था…।” पत्र में कहा गया, “आपसे अनुरोध है कि कृपया मतदाता पंजीकरण नियम, 1960 के नियम 20(3)(बी) के अंतर्गत संलग्न घोषणा / शपथ पर साइन करें तथा उसे मतदाताओं के नाम सहित वापस भेजें, ताकि आवश्यक कार्यवाही शुरू की जा सके।”
क्या बोले राहुल गांधी?
मीडिया ने जब इस बारे में राहुल गांंधी से सवाल किया तो उन्होंने कहा, “मैं एक राजनेता हूं। मैं लोगों से जो कहता हूं, वही मेरा शब्द है। मैं इसे सार्वजनिक रूप से सभी से कह रहा हूं। इसे शपथ की तरह लीजिए। यह उनका डाटा है, और हम उनका डाटा प्रदर्शित कर रहे हैं। यह हमारा डाटा नहीं है। यह चुनाव आयोग का डाटा है।
उन्होंने कहा कि दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने इस जानकारी से इनकार नहीं किया है। उन्होंने यह नहीं कहा है कि जिस मतदाता सूची की बात राहुल गांधी कर रहे हैं, वह गलत है। आप उन्हें गलत क्यों नहीं कहते? क्योंकि आप सच्चाई जानते हैं। आप जानते हैं कि हम भी जानते हैं कि आपने पूरे देश में ऐसा किया है…”
कर्नाटक को लेकर राहुल गांधी ने क्या कहा था?
लोकसभा में विपक्ष के नेता ने दावा किया कि कर्नाटक के एक विधानसभा में 1,00,250 मतों की “वोट चोरी” हुई है, जिसमें एक विधानसभा क्षेत्र में 11,965 डुप्लीकेट मतदाता हैं, 40,009 मतदाता फर्जी और अवैध पते वाले हैं, 10,452 मतदाता सामूहिक या एक जैसे पते वाले हैं, 4,132 मतदाता अवैध फोटो वाले हैं और 33,692 मतदाता नए मतदाताओं के फार्म 6 का दुरुपयोग कर रहे हैं।