इसके साथ ही थाना निर्माण के लिए भूमि भी जिला प्रशासन ने आवंटित कर दी गई है। पुलिस अधीक्षक की देखरेख में परियोजना को शीघ्र अमलीजामा पहनाने की दिशा में कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है। अगले कुछ महीनों में निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
साइबर थाना केवल जांच का ही केंद्र नहीं होगा, बल्कि यहां पर आम जनता के लिए साइबर जागरूकता शिविर भी समय-समय पर आयोजित किए जाएंगे। स्कूल, कालेज, और व्यापारिक संगठनों को भी इससे जोड़ा जाएगा ताकि साइबर अपराधों के प्रति जनजागरूकता बढ़ाई जा सके।
लंबे समय से साइबर अपराधों के बढ़ते मामलों को लेकर स्थानीय स्तर पर एक अलग इकाई की मांग की जा रही थी। अब साइबर थाने की स्थापना से उम्मीद है कि साइबर अपराधों पर नियंत्रण लगेगा और जनता को त्वरित न्याय मिलेगा।
आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा साइबर थाना
इस साइबर थाने में अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग करते हुए एक विशेष तकनीकी टीम तैनात की जाएगी, जो आनलाइन ठगी, सोशल मीडिया अपराध, बैंक फ्राड, हैकिंग, फर्जी वेबसाइट, ई-कामर्स धोखाधड़ी जैसी घटनाओं की तत्काल जांच कर सकेगी। थाने में एक विशेष फारेंसिक लैब, डिजिटल सर्विलांस सिस्टम, और डेटा एनालिटिक्स यूनिट भी स्थापित किए जाने की योजना है।