‘सैयारा’ फिल्म में ‘वाणी बत्रा’ को थी भूलने की बीमारी, जानें क्या है अर्ली-ऑनसेट अल्जाइमर , लक्षण और उपचार

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बॉक्‍स ऑफिस पर धमाल मचाने वाली फिल्म ‘सैयारा’ सिर्फ एक रोमांटिक लव स्टोरी नहीं है। अहान पांडे और अनीत पड्डा की यह खूबसूरत ऑनस्क्रीन लव स्टोरी जीवन और सेहत से जुड़ी कई अन्य समस्याओं पर भी लोगों का ध्यान खींचती है। ऐसी ही सेहत से जुड़ी एक समस्या का जिक्र फिल्म ‘सैयारा’ में शुरू से आखिर तक किया गया है। बता दें, फिल्म ‘सैयारा’ में अनीत पड्डा यानी ‘वाणी बत्रा’ को भूलने की बीमारी होती है। मेडिकल साइंस में इस बीमारी को अर्ली-ऑनसेट अल्जाइमर के नाम से जाना जाता है। न्यूरोलॉजिस्ट के अनुसार, 20 से 30 साल की उम्र वाले लोगों में अल्जाइमर या मस्तिष्क से संबंधित यह दिक्कत बहुत दुर्लभ रोग है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ की रिपोर्ट के अनुसार दुनियाभर में 30 से कम उम्र के लोगों में मस्तिष्क से संबंधित इस रोग के होने का खतरा एक लाख लोगों में 100 से भी कम हो सकता है। आइए जानते हैं आखिर क्या होता है अर्ली-ऑनसेट अल्जाइमर, इसके कारण, लक्षण और बचाव के उपाय।

क्या है Alzheimer? Saiyaara में इसी बीमारी से पीड़ित थी एक्ट्रेस, कितनी खतरनाक और क्या हैं इसके लक्षण? | Republic Bharat

क्या होता है अर्ली-ऑनसेट अल्जाइमर?

फिल्म ‘सैयारा’ में अल्जाइमर रोग के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाई गई है। आमतौर पर लोग अल्जाइमर रोग को बढ़ती उम्र के साथ (ज्यादातर 65 साल की उम्र के बाद ) जोड़कर देखते हैं। जिसमें धीरे-धीरे रोगी की याददाश्त और सोचने की शक्ति कमजोर होने लगती है। लेकिन हालिया एक रिसर्च की मानें तो इस बीमारी के शुरुआती संकेत 20 साल की उम्र में भी देखे जा सकते हैं, जैसा फिल्म ‘सैयारा’ में ‘वाणी बत्रा’ के साथ होता है। बता दें, अल्जाइमर रोग एक न्यूरोडीजेनेरेटिव मस्तिष्क से संबंधित विकार है। जिसमें व्यक्ति की मस्तिष्क की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचने लगता है। अल्जाइमर रोग में दिमाग में बेटा-एमिलॉइड नाम का एक खतरनाक और गलत तरीके से बना प्रोटीन जमा होकर प्लैक बनाता है, जिससे दिमाग को नुकसान पहुंचाता है। नतीजा, व्यक्ति धीरे-धीरे सोचने, याद रखने और व्यवहार करने में कई बदलाव और दिक्कत महसूस करता है। बता दें, अल्जाइमर न्यूरोडीजेनेरेटिव मस्तिष्क से संबंधित विकार है, न्यूरोलॉजिस्ट कहते हैं कि इसकी शुरुआत आम तौर पर 40 से पहले नहीं होती है और 20-30 की उम्र वालो में अल्जाइमर या मस्तिष्क से संबंधित होने वाली दिक्कतें बहुत दुर्लभ या शायद ही कभी होती है। हालांकि कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि जिन बच्चों में डाउन सिंड्रोम की समस्या होती है उनमें दूसरों की तुलना में अल्जाइमर रोग का विकास कुछ पहले हो सकता है।

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