प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत चयनित एक करोड़ चार लाख परिवारों का सत्यापन जल्द होगा। इसको लेकर ग्रामीण विकास विभाग की ओर से सभी जिलों को दिशा-निर्देश जारी किया गया है। बिहार चुनाव के कारण चिह्नित परिवारों का सत्यापन कार्य रुका हुआ था। आदर्श आचार संहिता खत्म होने के बाद अब इसमें तेजी आएगी। सत्यापन के बाद ही लाभुकों की फाइनल सूची तैयार की जाएगी।
गौरतलब है कि आवास योजना के तहत राज्य में घर-घर सर्वे के बाद एक करोड़ परिवारों की सूची बनी है। इनमें 20 लाख ऐसे परिवार हैं, जिन्होंने स्वयं पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन दर्ज किया है। राज्य में सर्वेक्षण कार्य 15 मई 2025 तक चला था। इधर, विभाग ने जारी निर्देश में कहा है कि सत्यापन कार्य के लिए पंचायत, प्रखंड और जिला स्तर पर अलग-अलग समितियां होंगी।
विभाग ने यह भी तय किया है कि सर्वेक्षण कार्य में जो कर्मी लगाए गए थे, उन्हें सत्यापन कार्य में किसी दूसरे क्षेत्र में लगाया जाएगा। पंचायत की समति सत्यापन कार्य कर पूरी रिपोर्ट प्रखंड कार्यालय को देंगे। इस रिपोर्ट को सत्यापित करने के लिए बीडीओ की अध्यक्षता में प्रखंड स्तर पर समिति होगी। वहीं, जिला स्तर पर प्रखंडवार उप विकास आयुक्त की अध्यक्षता में समिति गठित की जाएगी।
यह समिति प्रखंडवार डाटा का सत्यापन करेगी। मालूम हो कि सत्यापन का कार्य पूरा कर लेने के बाद अंतिम सूची बनेगी। इसके बाद इस सूची पर ग्राम सभा की बैठक में अनुमोदन लिया जाएगा। इसके बाद ही वह सूची फाइनल मानी जाएगी।
विभाग ने जिलों को भेजे पत्र में स्पष्ट किया है कि वे परिवार जिनका कोई सदस्य सरकारी कर्मचारी है, वह इस योजना के लिए पात्र नहीं माना जाएगा। इसी प्रकार 15 हजार रुपये से अधिक महीना कमाने वाले, आयकर देने वाले अथवा व्यवसाय कर देने वाले परिवार योग्य नहीं माने जाएंगे। मोटरयुक्त तिपहिया, चौपहिया वाहन, तिपहिया-चौपहिया कृषियुक्त उपकरण, ढाई एकड़ या इससे अधिक सिंचित भूमि, पांच एकड़ या इससे अधिक असिंचित भूमि तथा 50 हजार रुपए अथवा इससे अधिक ऋण सीमा वाले किसान क्रेडिट कार्डधारी किसान भी इस योजना का लाभ नहीं ले पाएंगे।