क्या दबाव में आकर किया था ऑपरेशन सिंदूर, फिर रोका क्यों? सरकार ने दिया जवाब

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आतंकवाद के खिलाफ किए गए भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर का मुद्दा एक बार फिर संसद में गूंजा। समाजवादी पार्टी सांसद रामजी लाल सुमन ने सैन्य कार्रवाई को लेकर सवाल किया कि क्या इसका फैसला दबाव में लिया गया था। विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को इसका जवाब दिया है। 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान में घुसकर सेना ने आतंकवादी ठिकानों को तबाह किया था।

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सपा सांसद ने सवाल किया, ‘क्या यह सच है कि ऑपरेशन सिंदूर की घोषणा अंतरराष्ट्रीय दबाव में आकर की गई थी।’ राज्यसभा सदस्य ने इसपर सरकार का मत जानना चाहा था।

विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा, ‘पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों की तरफ से बर्बर सीमा पार हमले के जवाब में ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत की गई थी। इसका मकसद आतंकवादी ढांचे को तबाह करना और उन आतंकियों को खत्म करना था, जिनके सीमा पार कर भारत पहुंचने की आशंका थी।’

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उन्होंने कहा, ‘भारत की कार्रवाई केंद्रित, नपी तुली और बगैर उकसावे के की गई थी। जबकि, पाकिस्तान ने कुछ सैन्य संस्थानों के अलावा भारत के नागरिक इलाकों को निशाने बनाने की कोशिश की। पाकिस्तान की तरफ से की गई उकसावे की कार्रवाई पर भारतीय सशस्त्र बलों ने मजबूत और निर्णायक जवाब दिया। जिससे पाकिस्तानी सेना को काफी नुकसान पहुंचा।’

सपा सांसद ने अचानक हुए सीजफायर भी सवाल किया। इसपर सरकार ने कहा, ‘इसके बाद 10 मई 2025 को पाकिस्तान के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन्स ने गोलीबारी और सैन्य गतिविधियां रोकने के लिए भारतीय समकक्ष से संपर्क साधा, जिसपर बाद में सहमति दे दी गई थी।’

22 अप्रैल को जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों ने 26 सैलानियों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके जवाब में भारत ने 7 मई को आतंकवादियों के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की थी।

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