धनतेरस कब है? जान लें सही तारीख, खरीदारी मुहूर्त, लक्ष्मी-कुबेर पूजा का समय

Breaking India News

दीपावली महापर्व की शुरुआत धनतेरस से होती है। धनतेरस को धन त्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है और इस दिन को अत्यंत शुभ माना जाता है। यह दिन विशेष रूप से भगवान धन्वंतरि, मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा के लिए समर्पित होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस दिन किए गए धार्मिक कर्म, पूजा और खरीदारी विशेष रूप से फलदायी माने जाते हैं। धनतेरस के दिन घर की सफाई करना, दीप जलाना और लक्ष्मी माता की पूजा करना बहुत शुभ होता है। इसके अलावा, सोना, चांदी, बर्तन और अन्य धातु की वस्तुएं खरीदना भी परंपरा के अनुसार समृद्धि, सुख-शांति और परिवार में सौभाग्य को बढ़ाने वाला माना जाता है।

इस साल धनतेरस शनिवार, 18 अक्टूबर को है। हर साल धनतेरस कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को पड़ता है। इस दिन प्रदोष काल और वृषभ काल पूजा के लिए शुभ माना जाता है।

प्रदोष काल: शाम 5:48 बजे से रात 8:20 बजे तक

वृषभ काल: शाम 7:16 बजे से रात 9:11 बजे तक

पूजा मुहूर्त: शाम 7:16 बजे से 8:20 बजे तक

धन्वंतरि पूजा: भगवान धन्वंतरि की पूजा करें, जो आयुर्वेद के देवता माने जाते हैं। उनके चित्र या मूर्ति के सामने दीपक रखें और उनका पूजन करें।

कुबेर और लक्ष्मी पूजा: भगवान कुबेर और मां लक्ष्मी की पूजा करें, उनके चित्र के सामने दीपक रखें और मिठाई अर्पित करें।

यम दीपम: रात को 13 दीपकों को दक्षिण दिशा में रखें, यह यमराज को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है।

धनतेरस पर खरीदारी के शुभ समय:

इस साल धनतेरस पर खरीदारी करने के लिए 18 घंटे 6 मिनट का शुभ मुहूर्त है। धनतरेस पर दोपहर में 12:18 बजे से 19 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 24 मिनट तक खरीदारी कर सकते हैं।

धनतेरस पर खरीदारी करने के शुभ चौघड़िया मुहूर्त

सामान्य मुहूर्त: दोपहर 12:06 बजे से 1:32 बजे तक

लाभ-अनुकूल मुहूर्त: दोपहर 1:32 बजे से 2:57 बजे तक

अमृत-अनुकूल मुहूर्त: दोपहर 2:57 बजे से शाम 4:23 बजे तक

लाभ-अनुकूल मुहूर्त: शाम 5:48 बजे से 7:23 बजे तक

शुभ-अनुकूल मुहूर्त: रात्रि 8:57 बजे से 10:32 बजे तक

अमृत-अनुकूल मुहूर्त: रात्रि 10:32 बजे से 12:06 बजे तक

सामान्य शुभ समय: रात्रि 12:06 बजे से 1:41 बजे तक

लाभ-अनुकूल मुहूर्त: 19 अक्टूबर, रविवार, सुबह 4:50 बजे से 6:24 बजे तक

धनतेरस पर क्या खरीदें:

सोना और चांदी: गहनों या सिक्कों के रूप में

पीतल या तांबे के बर्तन: पूजा सामग्री के लिए

लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां: घर में सुख-समृद्धि के लिए

झाड़ू, बर्तन और अन्य धातु की वस्तुएं: घर की सफाई और समृद्धि के प्रतीक

गैजेट्स और इलेक्ट्रॉनिक सामान: आधुनिकता और सुख-सुविधा के लिए

0Shares

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *