पाकिस्तान का साथ देकर भारत से पंगा लेने वाले तुर्की की हालत खस्ता हो गई है। हाल ही में एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि भारतीयों के ‘बॉयकॉट तुर्की’ वाले अभियान के बाद तुर्की को भारी नुकसान हुआ है। पर्यटन के क्षेत्र में भारी गिरावट के बाद अब तुर्की अर्थव्यवस्था की हालत खराब होती जा रही है।
पारंपरिक रूप जून के महीने में सबसे ज्यादा भारतीय पर्यटक तुर्की पहुंचते थे। हालांकि इस साल यह आंकड़ा बेहद कम हो गया। न्यूज 18 की एक रिपोर्ट के मुताबिक जून में तुर्की जाने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या में 37 प्रतिशत की कमी आई। तुर्की के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक जून में सिर्फ 24,250 भारतीय पर्यटक तुर्की पहुंचे, जबकि पिछले साल इस महीने 38,307 भारतीय पर्यटक तुर्की आए थे। वहीं इस साल मई में भी पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट आई थी। इन आंकड़ों से साफ है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान का समर्थन करने के बाद से भारतीय पर्यटकों ने तुर्की की ओर ना देखने का फैसला किया है।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान दिखाया असली चेहरा
गौरतलब है कि बीते मई के महीने में भारत के ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च करने के बाद तुर्की खुलकर पाकिस्तान को सपोर्ट करने की बात कर रहा था। तुर्की ने चार दिनों तक बने जंग के हालातों के बीच पाकिस्तान की मदद भी की थी, जिसकी पुष्टि भारतीय सेना ने भी की। भारतीय सेना के उप सेना प्रमुख जनरल राहुल सिंह ने इस महीने की शुरुआत में खुलासा किया था कि जंग के दौरान भारत एक नहीं, बल्कि तीन दुश्मनों से लड़ रहा था, जिसमें पाक के अलावा तुर्की और चीन शामिल थे।
भारत में तुर्की के खिलाफ बड़ा अभियान
वहीं पाकिस्तान की ओर से किए गए कायराना हमलों में तुर्की के ड्रोन इस्तेमाल किए थे। 9 मई को ही भारत ने पुष्टि कर दी थी कि भारत में तबाह हो कर गिरे इन ड्रोंस के मलबे से पता चला कि ये हथियाए तुर्की के थे। यह खबर सामने आते ही भारत में तुर्की के खिलाफ बड़ा अभियान शुरू हो गया था। समुद्र किनारों की वजह से टूरिस्टों को आकर्षित करने वाले तुर्की का लोगों ने विरोध शुरू कर दिया और लोगों ने तुर्की को हर तरह से बॉयकॉट करने का फैसला लिया है। मेकमाईट्रिप, ईजमाईट्रिप और क्लियरट्रिप जैसे ट्रैवल पोर्टल्स ने तुर्की का प्रचार ना करने का भी फैसला किया। अब भारतीयों के बॉयकॉट से तुर्की की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ रहा है।