तमिलनाडु में 49 वर्षीय एक फिजियोथेरेपिस्ट महिला और उसकी बेटी ने मजबूत इरादों से अपने सपनों को पूरा करने की एक अद्भुत मिसाल कायम की है। दोनों ने अपनी लगन और मेहनत से राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) पास कर ली। नीट की परीक्षा पास करने के बाद महिला को अपने गृह जिले के नजदीकी सरकारी मेडिकल कालेज में सीट मिल गई जबकि बेटी भी चिकित्सा के क्षेत्र में अपना सफर शुरू करने के लिए तैयार है।
अमुथवल्ली मणिवन्नन को अपने स्कूल के दिनों की तुलना में इस बार पाठ्यक्रम बहुत अलग और काफी कठिन लगा लेकिन फिर भी अपनी बेटी की राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा की तैयारी से प्रेरित होकर उन्होंने अपनी तैयारी शुरू की। महिला ने बताया कि उन्होंने लगभग तीन दशक पहले स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद एमबीबीएस कोर्स में दाखिला लेने की कोशिश की थी, लेकिन उस समय ऐसा नहीं हो सका।
बेटी अपने मां के साथ नहीं करना चाहती पढ़ाई
अमुथवल्ली ने उत्साहित होकर कहा कि अपनी बेटी को नीट की तैयारी करते देखकर मेरी महत्त्वाकांक्षा फिर से जागृत हो गई और वह मेरी सबसे बड़ी प्रेरणा थी। मैंने उसकी किताबें लीं और परीक्षा की तैयारी की। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की छात्रा एम. संयुक्ता ने कोचिंग क्लास ली और जिन किताबों का उसने गहन अध्ययन किया था, उनसे ही उसकी मां को भी मदद मिली। उन्होंने कहा कि मेरे पिता पेशे से अधिवक्ता थे और उनकी चिकित्सा में कोई रुचि नहीं थी लेकिन मेरी मां की पृष्ठभूमि चिकित्सा से जुड़ी होने के कारण वह आसानी से समझ गईं।
तमिलनाडु मेडिकल प्रवेश के लिए 30 जुलाई को काउंसलिंग शुरू हुई और अमुथवल्ली अपनी बेटी के साथ पीडब्लूडी (एक विशिष्ट स्तर तक की दिव्यांगता)श्रेणी आरक्षण के तहत काउंसलिंग में शामिल हुईं। उन्होंने अपने गृहनगर तेनकासी के पास विरुधुनगर के सरकारी मेडिकल कालेज में दाखिला लेना पसंद किया। उन्हें नीट में 147 अंक प्राप्त किए।