यूपी की योगी सरकार अब विदेश में उच्च शिक्षा और मास्टर डिग्री के लिए छात्रों को स्कॉलरशिप देगी। गुरुवार को योगी कैबिनेट ने उच्च शिक्षा के लिए चार प्रस्तावों समेत 19 प्रस्तावों पर मुहर लगाई है। दो सप्लीमेंटरी प्रस्तावों पर भी चर्चा हुई है। राज्य सरकार ने ग्रामीण क्षेत्र में तैयार की जा रही घरौनी को कानूनी मान्यता दे दी है। ग्रामीण क्षेत्रों में घरौनी ही संपत्ति का दस्तावेजी सुबूत माना जाएगा और इसके आधार पर बैंकों से कर्ज लिया जा सकेगा।राज्य सरकार ने ग्रामीण क्षेत्र में तैयार की जा रही घरौनी को कानूनी मान्यता दे दी है। ग्रामीण क्षेत्रों में घरौनी ही संपत्ति का दस्तावेजी सुबूत माना जाएगा और इसके आधार पर बैंकों से कर्ज लिया जा सकेगा।
लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज यानी केजीएमयू के अधिनियम में संशोधन भी शामिल है। 62 जिलों में खराब राजकीय नलकूपों को रीबोर कराने के प्रस्ताव को भी हरी झंडी दी गई है। वहीं एफआरबी एक्ट की सीमा 3 से 3.5 कर दी गई है। इसके अलावा दो निजी विश्वविद्यालयों को भी मंजूरी दी गई है।
यूके में पीजी की पढ़ाई के लिए पांच मेधावी छात्रों को मिलेगी छात्रवृत्ति
प्रदेश के पांच प्रतिभावान छात्रों को यूनाइटेड किंगडम (यूके) में मास्टर डिग्री लेने के लिए छात्रवृत्ति दी जाएगी। भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी- चिवनिंग उत्तर प्रदेश राज्य सरकार छात्रवृत्ति योजना शुरू किए जाने को गुरुवार को कैबिनेट ने अपनी मंजूरी दे दी है। द फॉरने कॉमनवेल्थ एंड डेवलपमेंट ऑफिस (एफसीडीओ) यूके के सहयोग से यह छात्रवृत्ति योजना चलाई जाएगी। जिससे हर वर्ष प्रदेश के पांच मेधावी छात्रों को यूके में परास्नातक (पीजी) की पढ़ाई का अवसर मिलेगा।
पांच मेधावी छात्रों को यूके के किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से किसी एक विषय में एक वर्ष के अध्ययन के लिए यह छात्रवृत्ति दी जाएगी। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर शुरू की गई यह छात्रवृत्ति योजना प्रदेश के उच्च शिक्षण संस्थानों में पढ़ाई कर रहे मेधावी छात्रों के लिए एक सुनहरा अवसर प्रदान करेगी। इस योजना के तहत छात्र-छात्राओं को शैक्षिणिक शुल्क के साथ परीक्षा शुल्क, शोध शुल्क, एकल छात्र के रहने के लिए पर्याप्त मासिक भत्ता और निवास स्थान से स्वीकृत मार्ग के लिए एक वापसी विमान किराया जो कि इकोनॉमी क्लास का होगा वह छात्रवृत्ति में सम्मिलित होगा।
छात्रवृत्ति योजना के तहत लाभार्थियों के चयन की प्रक्रिया राज्य सरकार व एफसीडीओ के मध्य होने वाले समझौता ज्ञापन (एमओयू) के आधार पर किया जाएगा यानी प्रतिभाशाली छात्रों के चयन की प्रक्रिया एमओयू की शर्तों के अनुसार की जाएंगी। जल्द एमओयू किया जाएगा।