क से काबा, म से मस्जिद, न से नमाज… कॉन्वेंट स्कूल में बच्चों को दी जा रही थी इस्लामिक शिक्षा?

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मध्य प्रदेश के रायसेन जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां पर एक कॉन्वेंट स्कूल में नर्सरी के बच्चों को इस्लामी शिक्षा दिए जाने का मामला सामने आया है। जैसे ही इसकी जानकारी सामने आई, तुरंत बच्चों के पेरेंट्स और हिंदू संगठनों ने मामले को जोर-शोर से उठाया और इसके बाद प्रशासन ने जांच कराने की बात कही है।

हिंदी अल्फाबेट चार्ट में क्या था?

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बच्चों को हिंदी अल्फाबेट चार्ट की एक किताब दी गई थी, जिसमें क से काबा, म से मस्जिद और न से नमाज लिखा था। इसके अलावा इसके चित्र भी बने हुए थे। एक बच्ची अपने घर पर यह किताब पढ़ रही थी, तभी उसके चाचा ने इसे देखा और फिर मामला सामने आया। चार्ट में अ से औरत तो पढ़ाया गया लेकिन इसमें हिजाब लगी महिला की फोटो लगी थी।

प्रिंसिपल पर आरोप

आरोप के अनुसार बेबी कॉन्वेंट स्कूल की प्रिंसिपल आईए कुरैशी ने ही कथित तौर पर छात्रों को हिंदी वर्णमाला के चार्ट दिए थे। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्यों ने शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन किया और कुरैशी का घेराव किया। सब डिवीजनल पुलिस अधिकारी (SDPO) प्रतिभा शर्मा ने बताया कि पुलिसकर्मियों ने स्थिति को नियंत्रण में कर लिया। उन्होंने कहा कि मामला शिक्षा विभाग से संबंधित है और इसे जिला शिक्षा अधिकारी (DeO) को भेज दिया गया है।”

जिला शिक्षा अधिकारी डी डी रजक ने कहा कि आरोपों की जांच की जा रही है। उन्होंने आगे कहा कि शिक्षा विभाग के दिशानिर्देशों के अनुसार किसी भी धर्म विशेष के धार्मिक प्रतीकों वाले कंटेंट स्कूलों में नहीं पढ़ाएं जा सकते।

प्रिंसिपल ने स्वीकार की गलती

वहीं प्रिंसिपल कुरैशी ने अपनी अनजाने में हुई गलती स्वीकार करते हुए कहा कि उर्दू-हिंदी मिक्स्ड टेबल वाली ऐसी एक-दो किताबें छात्रों तक पहुंची थीं। उन्होंने दावा किया कि वर्णमाला के चार्ट भोपाल से मंगवाए गए थे और विक्रेता की गलती के कारण मदरसों में आमतौर पर इस्तेमाल होने वाली तीन-चार ऐसे कंटेंट यहां भेज दिए गए।

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