उत्तर प्रदेश सरकार ने संभल में तैनात सीओ अनुज चौधरी को बड़ा प्रमोशन देते हुए उन्हें एडिशनल एसपी (ASP) नियुक्त किया है। अनुज चौधरी स्पोर्ट्स कोटे से इस पद तक पहुंचने वाले यूपी के पहले पुलिस अधिकारी बन गए हैं। एसपी केके बिश्नोई और एएसपी राजेश कुमार श्रीवास्तव ने अनुज चौधरी की वर्दी पर अशोक स्तंभ लगाकर उन्हें सम्मानित किया। प्रमोशन के अगले दिन ही एएसपी अनुज प्रेमानंद महाराज से मिलने पहुंचे।
प्रमोशन मिलने के बाद रविवार को एएसपी अनुज चौधरी वृंदावन पहुंचे। उन्होंने संत प्रेमानंद महाराज से मिलकर उनका आशीर्वाद लिया। इसके बाद कानून, न्याय और नैतिक दायित्व से जुड़े जटिल प्रश्नों पर मार्गदर्शन भी प्राप्त किया।
संत प्रेमानंद महाराज से अनुज चौधरी ने किया यह सवाल
एएसपी अनुज चौधरी ने संत प्रेमानंद महाराज से पूछा, “जब किसी केस में वादी पक्ष यह कहता है कि उसके बेटे की हत्या की गई है लेकिन कोई स्पष्ट सबूत नहीं होता। वहीं, दूसरी ओर आरोपी कहता है कि वह घटनास्थल पर था ही नहीं ऐसे में क्या किया जाए? पुलिस अगर आरोपी को छोड़ देती है तो उस पर लापरवाही या पक्षपात का आरोप लगता है और अगर सबूत के अभाव में कार्यवाही की जाती है तो यह भी अनुचित प्रतीत होता है। ऐसे में पुलिस की नैतिक और कानूनी जिम्मेदारी क्या होनी चाहिए?”
इस सवाल के जवाब में प्रेमानंद महाराज ने कहा, “जब रिपोर्ट दर्ज हुई है तो आप उसे यूं ही नहीं छोड़ सकते। आप अंतर्यामी नहीं हैं जो पर्दे के पीछे की बातें जान लें। आपके पास जो साधन हैं सबूत और विवेचना के आधार पर फैसला लेना चाहिए।”
पिछले साल संभल मस्जिद सर्वे के दौरान हुई हिंसा के बाद अनुज चौधरी चर्चा में आए थे। उन पर एकपक्षीय बयान और कार्रवाई का आरोप लगा था। इतना ही नहीं वर्दी में धार्मिक कार्यक्रमों में शामिल होने पर भी उनकी आलोचना हुई थी। उन्होंने होली पर भी एक ऐसा बयान दिया था जो देशभर में चर्चा का विषय बना। इसके बाद उन्हें संभल से चंदौसी तबादला किया गया और अब उन्हें एडिशनल एसपी पद पर सरकार ने प्रमोशन दिया है। इसके अलावा पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने भी अनुज चौधरी के खिलाफ पुलिस सर्विस रूल्स उल्लंघन के मामले में शिकायत की थी, जिसमें जांच के बाद उन्हें क्लीन चिट मिल चुकी है।