सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (cbse) ने छात्रों और उनके अभिभावकों को कड़ा संदेश देते हुए चेतावनी जारी की है। बोर्ड ने कहा है कि कुछ गैर मान्यता प्राप्त प्लेटफॉर्म खुद को सीबीएसई से जुड़ा बताकर डुप्लीकेट मार्कशीट, सर्टिफिकेट और अकादमिक रिकॉर्ड में सुधार कराने का झूठा दावा कर रहे हैं। ये सभी सेवाएं पूरी तरह फर्जी और अस्वीकृत हैं।
बोर्ड की साफ चेतावनी
सीबीएसई ने कहा है कि ऐसे किसी भी प्लेटफॉर्म का बोर्ड से कोई संबंध नहीं है और न ही उन्हें इन सेवाओं के लिए अधिकृत किया गया है। ऐसे स्रोतों पर भरोसा करना छात्रों और परिवारों के लिए गलत सूचना, आर्थिक नुकसान और गंभीर परिणाम ला सकता है। बोर्ड ने दोहराया कि मूल डॉक्यूमेंट खो जाने पर डुप्लीकेट डॉक्यूमेंट, सर्टिफिकेट सुधार या परीक्षा संबंधी अन्य सभी आधिकारिक जानकारी केवल cbse.gov.in वेबसाइट और रीजनल ऑफिस से ही जारी की जाती है।
छात्रों और अभिभावकों से अपील
सीबीएसई ने सभी छात्रों और अभिभावकों से अपील की है कि वे थर्ड पार्टी या अनऑफिशियल सेवाओं से दूर रहें। बोर्ड ने स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी अनऑफिशियल स्रोत से मिली जानकारी या उससे हुए नुकसान के लिए बोर्ड जिम्मेदार नहीं होगा। केवल बोर्ड ही आधिकारिक रूप से डुप्लीकेट डॉक्यूमेंट जारी कर सकता है और रिकॉर्ड में सुधार कर सकता है।
स्कूलों में सरप्राइज इंस्पेक्शन
इस सख्त एडवाइजरी के साथ ही सीबीएसई ने इस हफ्ते देशभर के 6 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 10 स्कूलों का औचक निरीक्षण भी किया।
इन निरीक्षणों का मकसद यह देखना था कि स्कूल सीबीएसई के उपविधियों का पालन कर रहे हैं या नहीं, क्या वे पर्याप्त शैक्षणिक और भौतिक ढांचा बनाए हुए हैं और कहीं ऐसे छात्रों को तो दाखिला नहीं दिया जा रहा जो कक्षाओं में नियमित उपस्थिति नहीं दे रहे।
एक अधिकारी के अनुसार, “इस अभियान में 10 टीमें लगाई गईं, जिनमें एक सीबीएसई अफसर और एक संबद्ध स्कूल के प्रिंसिपल शामिल थे। सभी विजिट अचानक और एक ही समय पर की गईं ताकि स्कूलों की असली स्थिति का पता लगाया जा सके।