केरल के पलक्कड़ जिले की रहने वाली नर्स निमिषा प्रिया को 16 जुलाई को यमन की राजधानी सना में फांसी होने वाली है। इसे रोकने के लिए भारत सरकार पुरजोर कोशिश कर रही है। निमिषा की जान अब ब्लड मनी या मुआवजे पर टिकी हुई है। इसके तहत पीड़ित परिवार अगर चाहे तो पैसे लेकर निमिषा को माफ कर सकता है। हालांकि, इसमें भी कोई सफलता मिलती नहीं दिख रही। निमिषा यमन में बतौर नर्स काम करती थी और अपना पासपोर्ट वापस लेने की कोशिश में उसने अपने बिजनेस पार्टनर तलाल अब्दो महदी की गलती से हत्या कर दी। इसी मामले में निमिषा को सजा-ए -मौत की सजा सुनाई गई है।
कौन था तलाल अब्दो महदी
यमन में नर्स का काम करने गई निमिषा की वहां मुलाकात तलाल अब्दो महदी नामक शख्स से हुई। वह यमन का नागरिक था और एक स्टोर का मालिक था। इसके बाद दोनों ने पार्टनरशिप में वहीं साल 2015 में एक क्लीनिक की शुरुआत की। उसी साल जब निमिषा एक महीने के लिए केरल छुट्टी पर आई तो तलाल ने उसकी शादी की तस्वीर चोरी कर ली और फिर उसे मैन्युपुलेट करके यह दावा किया कि उसकी शादी निमिषा से हुई है। निमिषा के पति थॉमस ने बीबीसी को बताया था कि शुरुआत में महदी एक अच्छे इंसान लगे। दोनों के बीच अच्छे संबंध थे, लेकिन यमन में गृहयुद्ध छिड़ने के बाद महदी का रवैया अचानक बदल गया। तलाल इसके बाद निमिषा को लगातार प्रताड़ित करता रहा। यहां तक कि उसने उसका पासपोर्ट भी अपने पास रख लिया। वापस आई निमिषा किसी तरह से अपना पासपोर्ट वापस चाहती थी, जिससे वह यमन छोड़ सके, लेकिन तलाल ने देने से इनकार कर दिया।
कैसे गलती से हो गया मर्डर
निमिषा की मां ने बताया कि तलाल ने सबको यह बताकर कि निमिषा उसकी पत्नी है, उसकी मंथली इनकम से पैसे भी लेने शुरू कर दिए। निमिषा ने आरोप लगाया था कि महदी उसे और उसके परिवार को सालों से परेशान कर रहा था। उसने उसे नशीले पदार्थों के प्रभाव में प्रताड़ित किया। उसने उसे कई बार बंदूक की नोक पर धमकाया भी। उसने क्लिनिक से सारे पैसे और उसके गहने भी ले लिए।” रोजाना की प्रताड़ना से तंग आकर निमिषा ने तलाल को बेहोश करने के लिए नशीली दवा दी, लेकिन ओवरडोज होने की वजह से उसकी मौत हो गई। इसके बाद निमिषा ने एक स्थानीय महिला के साथ मिलकर तलाल के शव के टुकड़े किए और पानी की टंकी में बहा दिया। साल 2020 में निमिषा को फांसी की सजा हुई और फिर वहां की सुप्रीम कोर्ट ने भी दो साल पहले फैसले को बरकरार रखा।