निर्वाचन आयोग को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के आरोपों पर मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने रविवार को जवाब दिया। उन्होंने कहा, ‘…या तो हलफनामा देना होगा या देश से माफी मांगनी होगी। कोई तीसरा विकल्प नहीं है।’ कुमार ने कहा कि अगर 7 दिनों के अंदर हलफनामा नहीं मिलता है तो इसका मतलब है कि ये सभी आरोप बेबुनियाद हैं। उन्होंने कहा कि बिना किसी सबूत के योग्य वोटर का नाम नहीं कटेगा। चुनाव आयोग हर मतदाता के साथ चट्टान की तरह हमेशा खड़ा है।
ज्ञानेश कुमार ने कहा, ‘अगर कोई सोचता है कि पीपीटी देने से हो जाएगा जो कि चुनाव आयोग के आंकड़े नहीं हैं। इस तरह के गलत आंकड़े देना और ये कहना कि ये पोलिंग ऑफिसर ने कहा है कि इस महिला ने दो बार वोट दिया है। इतने संगीन विषयों पर बिना हलफनामे के चुनाव आयोग को काम नहीं करना चाहिए।’ उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव आयोग के कंधे पर बंदूक रखकर भारत के मतदाताओं को निशाना बनाकर राजनीति की जा रही है। चुनाव आयोग निडर होकर बिना किसी भेदभाव के सभी धर्मों के मतदाताओं के साथ है।
मतदाता सूची में हेरफेर और वोट चोरी के आरोप
राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें मतदाता सूची में हेरफेर और वोट चोरी शामिल है। उन्होंने दावा किया कि 2024 के लोकसभा चुनाव और महाराष्ट्र, हरियाणा, कर्नाटक जैसे राज्यों के विधानसभा चुनावों में बड़े पैमाने पर धांधली हुई। राहुल ने कर्नाटक की महादेवपुरा विधानसभा सीट का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां 1 लाख से अधिक फर्जी वोट जोड़े गए, जिसमें डुप्लीकेट वोटर, फर्जी पते, एक ही पते पर सैकड़ों वोटर, गलत फोटो और फॉर्म-6 का दुरुपयोग शामिल है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी के साथ मिलकर यह धांधली कर रहा है, जिससे उसे लाभ हो रहा है।
राहुल गांधी के आरोपों का सिलसिला जारी
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने रविवार को भी वोट चोरी को लेकर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि बिहार मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के जरिए चुनाव चोरी करने की साजिश की जा रही है, लेकिन विपक्ष ऐसा नहीं होने देगा। राहुल ने कहा कि यह संविधान को बचाने की लड़ाई है। उन्होंने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी संविधान को मिटाने की कोशिश कर रहे हैं। महाराष्ट्र में मतदाताओं की संख्या बढ़ने का फिर से हवाला दिया और दावा किया कि सारे नए मतदाताओं के वोट भाजपा को मिले। राहुल गांधी ने कहा कि इसके बाद बेंगलुरु की महादेवपुरा सीट पर मतदाता सूची के बारे में जानकारी एकत्र की गई। उन्होंने दावा किया कि एसआईआर के जरिए मतदाता सूची में नाम जोड़कर और नाम हटाकर चुनाव की चोरी करने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन इस साजिश को सफल नहीं होने दिया जाएगा।