सावन का दूसरा सोमवार कल, ऐसे करें भगवान शंकर की पूजा

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इस समय सावन का पावन महीना चल रहा है। सावन का महीना भगवान शंकर को समर्पित होता है। इस माह में विधि-विधान से भगवान शंकर की पूजा-अर्चना की जाती है। सावन माह के सोमवार का बहुत अधिक महत्व होता है। 21 जुलाई को सावन का दूसरा सोमवार है। इस दिन भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व होता है। इस दिन व्रत करने का भी विशेष महत्व होता है। शास्त्रों के अनुसार सोमवार का व्रत करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में आ रही कई प्रकार की समस्याएं दूर हो जाती हैं। इस विशेष दिन पर भगवान शिव की उपासना करने से साधक को रोग, दोष और भय से मुक्ति प्राप्त होती है और उन्हें धन-धान्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

इस दिन ऐसे करें पूजा-

सावन के सोमवार को ब्रह्म मुहूर्त में उठें। गंगाजल को पूरे घर में छिड़कें। सावन के सोमवार को भगवान शिव का जलाभिषेक करने से सभी बाधाओं से मुक्ति मिलती है। भगवान शिव की आराधना करते समय उनके पूरे परिवार की पूजा करें। सावन सोमवार का व्रत सूर्योदय से प्रारंभ कर तीसरे पहर तक किया जाता है। तीसरा प्रहर समाप्त होने के बाद एक ही बार भोजन करें। शिव चालीसा और आरती का पाठ अवश्य करें। महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।

सावन सोमवार व्रत के लाभ-

सावन सोमवार व्रत के प्रभाव से मानसिक रोगों से मुक्ति मिलती है। चंद्रग्रह के मजबूत होने से व्यवसाय व नौकरी से संबंधित समस्या दूर होती हैं। यह व्रत स्त्री और पुरुष दोनों रख सकते हैं। सावन के सोमवार का व्रत अकाल मृत्यु और दुर्घटनाओं से मुक्ति दिलाता है।

पूजन सामग्री की लिस्ट- पुष्प, पंच फल पंच मेवा, रत्न, सोना, चांदी, दक्षिणा, पूजा के बर्तन, कुशासन, दही, शुद्ध देशी घी, शहद, गंगा जल, पवित्र जल, पंच रस, इत्र, गंध रोली, मौली जनेऊ, पंच मिष्ठान्न, बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, बेर, आम्र मंजरी, जौ की बालें,तुलसी दल, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, ईख का रस, कपूर, धूप, दीप, रूई, मलयागिरी, चंदन, शिव व मां पार्वती की श्रृंगार की सामग्री आदि।

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