जन्माष्टमी 2025: कौन थी श्रीकृष्ण को मारने पहुंची पूतना? विष्णु के वामन अवतार से है ये खास नाता

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कृष्ण जन्माष्टमी को पूरे देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है। हर साल ये पावन पर्व भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाते हैं। इस साल जन्माष्टमी 16 अगस्त को मनाई जाएगी। दरअसल इस बार अष्टमी तिथि की शुरुआत इस साल 15 अगस्त को रात 11 बजकर 49 मिनट से होगी और इसके ठीक अगले दिन कृष्ण जन्मोत्वस मनाया जाएगा। जन्माष्टमी के दिन लोग विधि विधान से पूजा करने से साथ-साथ श्री कृष्ण की लीलाएं भी खूब सुनते हैं। उनसे जुड़ी कई ऐसी कहानियां हैं जिन्हें सुनकर भगवान दिव्य शक्ति का एहसास होता है। इन्हीं में से एक है पूतना वध की कहानी। नीचे विस्तार से जानिए आखिर पूतना कौन थी और भगवान विष्णु से उसका क्या कनेक्शन था?

श्री कृष्ण को जन्म के 6 दिन बाद ही घर से उठा ले गई थी यह राक्षसी, इस जगह  निकले प्राण | Shri krishna putna vadh story, How putna killed by lord

श्री कृष्ण को मारने पहुंची थी पूतना

दरअसल भगवान कृष्ण के जन्म लेते ही मामा कंस की रातों की नींद उड़ चुकी थी। कंस को पहले ही पता चल गया था कि कृष्ण के हाथों ही उसका सर्वनाश लिखा है। ऐसे में कंस ने कृष्ण को मारने के लिए कई पैंतरे अपनाने शुरू किए। श्री कृष्ण के जन्म के 6 दिन के अंदर ही कंस ने पूतना नाम की राक्षसी को भेजा था। पूतना अपने स्तनों पर जहर लगातार धोखे से स्तनपान करवाकर श्री कृष्ण के बाल स्वरूप को मारना चाहती थी। कंस को यकीन था कि पूतना अच्छी खबर ही लेकर आएगी। खैर कंस का सारा प्लान फेल हुआ और श्री कृष्ण ने पूतना को पराजित कर दिया। पूतना मारी गई। दरअसल भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप ने पूतना के प्राण पी लिए थे जिससे उसकी मौत हो गई।

कौन थी पूतना?

बता दें कि पूतना कंस की ही एक दासी थी, जोकि भेष बदलकर श्री कृष्ण को मारने पहुंची थी। शास्त्रों के अनुसार पूतना के जन्म का रहस्य भगवान विष्णु से है। दरअसल इससे पहले वाले जन्म में पूतना का नाम रत्नबाला था, जोकि राजा बलि की बेटी थी। जब राजा बलि के यहां भगवान वामन आए थे तो उनकी सुंदरता देखकर रत्नबाला के अंदर की ममता जागी। रत्नबाला के मन में विचार आने लगे कि काश उनका बेटा भी ऐसे ही हो और फिर वो उसे अपने हृदय से लगाकर दुग्धपान कराती और खूब प्यार लुटाती। भगवान वामन ने रत्नबाला के मन में चल रही इस बात को सुन लिया और तभी उन्होंने तथास्तु कह दिया था।

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